फैटी लीवर को समझना: कारण, लक्षण और रोकथाम रणनीतियाँ
फैटी लिवर आज के समय में तेज़ी से बढ़ने वाली बीमारियों में से एक है। साधारण भाषा में कहें तो फैटी लिवर दरअसल लिवर में लगातार जमा होने वाला फैट है जो एक समय बाद लिवर संबंधित बीमारियों के साथ-साथ डायबिटीज, मोटापा, लिवर डैमेज आदि जैसे जोखिमों को जन्म देता है। लिवर में फैट जमा होने के अनेक कारण हो सकते हैं लेकिन ऐसे बहुत से कारक हैं जिनकी मदद से इस रोग की रोकथाम उचित समय पर की जा सकती है, जिसमें खान-पान के तरीके व जीवनशैली में बदलाव, आदि शामिल हैं। इस ब्लॉग में हम फैटी लिवर के कारण, लक्षण और रोकथाम के तरीकों पर चर्चा करेंगे.
फैटी लिवर के कारण
- मोटापा और अनुचित आहार: मैदा, सफ़ेद शक्कर, अत्यधिक व अतिरिक्त फैट का सेवन फैटी लिवर के कारक हो सकते हैं। इनके अत्यधिक सेवन के परिणामस्वरुप लिवर में फैट लगातार जमा होता रहता है और फैटी लिवर की समस्या होने लगती है.
- इन्सुलिन रेज़िस्टेन्स: यह समस्या अधिकतर डायबिटीज और मोटापे से जूझ रहे लोगों में देखी गई है, जिसके परिणामस्वरुप फैटी लिवर की समस्या अक्सर देखी जाती है.
- शराब का सेवन: शराब का सेवन फैटी लिवर के मुख्य कारणों में से एक देखा गया है। दरअसल शराब के लगातार सेवन के परिणामस्वरुप लिवर में फैट जमा होने लगता है।
- कुछ विशेष दवाएं: कुछ रोगों के संदर्भ में दी जाने वाली कुछ विशेष दवाएं फैटी लिवर के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
फैटी लिवर के लक्षण
अक्सर शुरुआती चरण में फैटी लिवर के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, और जब रोग बढ़ने लगता है, तो निम्नलिखित लक्षण उभर सकते हैं:
- थकान और कमजोरी: लिवर में जमा फैट व्यक्ति की कार्यक्षमता प्रभावित करता है, जिसके परिणामस्वरुप बेवजह थकान, कमजोरी महसूस हो सकती है।
- पेट में गड़बड़ियां: फैटी लिवर के कुछ रोगी, पेट में दर्द या असहजता की शिकायत कर सकते हैं। साथ ही छाती के ऊपरी या दायीं तरफ भारीपन का अनुभव भी हो सकता है।
- वजन में कमी: बहुत से मामलों में देखा गया है कि फैटी लिवर वजन में कमी का कारण बन सकता है।
- पीलिया: गंभीर मामलों में फैटी लिवर के कारण लिवर में सूजन होने लगती है, जिसके कारण पीलिया हो सकता है, इस स्थिति में त्वचा और आंखों में पीलापन देखा जा सकताहै।
रोकथाम के लिए उपाय
जैसा कि बताया गया फैटी लिवर के बहुत से कारकों पर काम करके इसकी रोकथाम की जा सकती है। जीवनशैली में निम्नलिखित बदलावों की मदद से इससे बहुत हद तक बचाव सुनिश्चित किया जा सकता है:
- वजन को नियंत्रण में रखें: फैटी लिवर की रोकथाम के लिए उचित वजन बेहद महत्वपूर्ण है। शारीरिक रूप से सक्रीय रहें, नियमित व्यायाम करें, संतुलित आहार लें और वजन को नियंत्रण में रखने के लिए किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें।
- संतुलित आहार लें: फल, सब्जी, पूरे अनाज और कम फैट वाले प्रोटीन को प्राथमिकता दें। सफेद कार्बोहाइड्रेट्स, सफ़ेद शुगर, अत्यधिक फैट, और प्रोसेस्ड फ़ूड से दूरी बनाएं।
- नशीले पदार्थों के सेवन से बचें: शराब का सेवन सेहत के सन्दर्भ में किसी भी रूप में उचित नही है, कृपया इससे दूरी बनाएं।
- दवाओं के सेवन के सन्दर्भ में उचित ध्यान दें: जैसा कि बताया गया कुछ विशेष दवाओं का सेवन फैटी लिवर का कारण बन सकता है, ऐसे में अपने संबंधित डॉक्टर से उचित परामर्श लें।
समापन
आज के दौर में फैटी लिवर की समस्या आम देखने को मिल रही है, हालाँकि इसे बहुत हद तक नियंत्रित किया जा सकता है लेकिन फिर भी इसके बढ़ते आंकड़े निश्चित रूप से चिंता का विषय हैं। अपने सम्पूर्ण स्वास्थ्य पर ध्यान दें। स्वस्थ जीवनशैली, उचित वजन, संतुलित आहार, व नियमित व्यायाम लिवर के बेहतर स्वास्थ्य में योगदान दे सकते हैं। साथ ही किसी भी लक्षण को नज़रअंदाज़ न करें, डॉक्टर से उचित परामर्श लें।
Dr. Ankur Garg, Director & HOD
HPB Surgery and Liver Transplant
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